सुधार

  आओ चलो कमी ढूंढते हैं,औरों में नहीं खुद में |मिल जाए तो बताना मत,बस सुधार लेना |                 ” पथिक “

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मर्दानगी

  मर्दानगी सोंच में हो तो देश बनता है,जिस्म की मर्दानगी तो बोझ होती है |                                   ” पथिक “ 

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मेरा परिचय

नमस्कार  मैं आशुतोष श्रीवास्तव आप सबका स्वागत करता हूँ | मेरा जन्म प्रयागराज की पावन भूमि पर हुआ और जीवन का ज्यादातर समय यहीं प्रयागराज में बीता लेकिन वर्तमान में गाजियाबाद में निवासी हूँ |मैंने सन् 2001 में प्रयागराज स्नातक करने के पश्चात कुछ वर्षों तक दिल्ली में सेल्स के क्षेत्र में नौकरी की और फिर अपना व्यवसाय भी किया। हालांकि, लिखने पढ़ने का शौक मुझे बचपन से ही था,

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